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जीवन - लेखनी प्रतियोगिता -19-Mar-2022

जीवन है शतरंज की एक बिछी बिसात
जिसमें कभी होती शह तो कभी मात।

जीवन का खेल दुर्गम न खेलना सरल
मज़बूर हो शिव को  पीना पड़ा गरल।

विभिन्न प्यादे हैं जीवन के उपकरण
जो पल-पल पार करते भिन्न चरण।

उत्ताल तरंगों पर हो झंझा के आघात
जीत या हार जीवन में नैसर्गिक बात।

कुटिल वार सिखाते जीवन बसर करना
गम की परछाइयों से लड़ आगे बढ़ना।

विशालकाय हाथी के कदम डगमगाते
तूफानों के झटके ऐसे सितम हैं ढाते।

गम अपने संग हसीन लम्हें भी लाते
रिश्तों की जीवन में पहचान कराते।

जीवन की नैया लेती है उतार-चढ़ाव
संघर्ष ही जीवन ये बताता हर पड़ाव।

कभी स्वागत हेतु दिखती पसारे बाँह
कभी बेदर्द बन मुँह से निकाले आह।

ज़िंदगी उलझी पहेली है बड़ी जटिल
सुलझाए जो उसे मंज़िल जाती मिल।

पहलू हैं इसके अपकर्ष और उत्कर्ष
कभी जीवन में प्रलय तो कभी हर्ष।

जीवन को मेर-तेर में होने न दो व्यर्थ
कर्म ऐसे जीवन का सार्थक हो अर्थ।

बनकर रह न जाए तन अस्थि पंजर
कुकर्मों से बने जीवन दर्दनाक मंजर।

जीवन रुपी उपहार है अत्यंत उज्ज्वल
सत्कर्मों का बनाना होगा पवित्र संबल।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल

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9 Comments

Abhinav ji

20-Mar-2022 09:18 AM

Nice

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Zakirhusain Abbas Chougule

20-Mar-2022 12:43 AM

Bahut sundar Rachna

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Dr. Arpita Agrawal

20-Mar-2022 02:06 AM

धन्यवाद आदरणीय

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Swati chourasia

19-Mar-2022 08:16 PM

वाह बहुत ही बेहतरीन 👌

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Dr. Arpita Agrawal

19-Mar-2022 09:15 PM

😊😊🥰

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